गाजियाबाद। घर के सामने गंदगी हो या मोहल्ले की टूटी सड़क का मामला। शिकायत दर्ज कराने में शहरवासी जरा भी देरी नहीं कर रहे हैं। गाजियाबाद 311 मोबाइल एप पर शिकायतों का आंकड़ा 5900 के पार पहुंच गया है। डेढ़ महीने में इतनी शिकायतों का अंबार लगने से निगम के अधिकारी-कर्मचारियों के पसीने छूट गए हैं हालाकि, लगभग 58 प्रतिशत शिकायतों का निस्तारण भी कर दिया गया है।
गाजियाबाद 311 एप की सुविधा 11 मार्च से शुरू हुई थी। इससे पहले नगर निगम के कविनगर, सिटी, विजयनगर, मोहननगर और वसुंधरा जोन में प्रतिदिन औसतन 50 से 60 शिकायतें आ रही थीं। एप लांच होने के बाद शिकायतों की संख्या दो से ढाई गुना तक बढ़ गई है। नगर निगम की एक रिपोर्ट के अनुसार 11 मार्च से 23 अप्रैल के बीच कुल शिकायतों की संख्या 5904 दर्ज की गई। मतलब, रोजाना औसतन 131 शिकायतें दर्ज की गईं। कुल शिकायतों में से 2802 का समाधान कर दिया गया है, जबकि 599 शिकायतों का निस्तारण कर फाइल भी बंद कर दी गई है। 2137 शिकायतों को संबंधित विभागों को भेजा गया है, जबकि 65 शिकायतें ऐसी हैं, जिनका निस्तारण तत्काल नहीं किया जा सकता। इन्हें दीर्घावधि की सूची में शामिल किया गया है। हालाकि, जनता की सुविधा के लिए मोबाइल एप की सुविधा तो उपलब्ध करा दी गई है, लेकिन समस्याओं का समाधान करने के लिए नगर निगम के पास पर्याप्त स्टाफ नहीं है। नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक का कहना है कि मोबाइल एप पर दर्ज होने वाली शिकायतों के त्वरित समाधान का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों को निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है।
रोजाना की जा रही समीक्षा
गाजियाबाद 311 एप पर दर्ज होने वाली शिकायतों के तत्काल समाधान के लिए रोजाना समीक्षा शुरू कर दी गई है। अपर नगर आयुक्त अवनींद्र कुमार को इसके लिए प्रभारी बनाया गया है। शिकायतों के निस्तारण के लिए आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों, टीम 100 और सामाजिक संस्थाओं का भी सहयोग लिया जा रहा है। नगर आयुक्त ने शिकायतों के निस्तारण में देरी के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए हैं।
गंदगी की सबसे ज्यादा शिकायतें
मोबाइल एप पर सर्वाधिक शिकायतें गंदगी की आ रही हैं। डेढ़ महीने में 2050 शिकायतें गंदगी से संबंधित दर्ज की गईं। मसलन, हर दूसरी-तीसरी शिकायत गंदगी की आई। 1058 शिकायतों का निस्तारण भी कर दिया गया। इसके अलावा शिकायतों के मामले में निर्माण विभाग दूसरे नंबर पर है। निर्माण विभाग से संबंधित 1293 शिकायतें दर्ज हुईं। तीसरे नंबर पर प्रकाशत विभाग हैं, जिसकी 794 शिकायतें दर्ज हुई हैं।
किस विभाग की कितनी शिकायतें
स्वास्थ्य विभाग 2050
निर्माण विभाग 1293
प्रकाश विभाग 794
जलकल विभाग 418
सीवर विभाग 417
उद्यान विभाग 289
संपत्ति कर विभाग 243
पशु चिकित्सा विभाग 239
अन्य 161
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